सांस की तकलीफ | उपचार | सेल्फ मैनेजमेंट | पोजीशन्स | ब्रीदिंग एक्सरसाइज़ | ब्रीदिंग तकनीक
जब किसी को लंबे समय तक सांस लेने में तकलीफ़ और थकान महसूस होती रहती है, ऐसा उनको हल्की-फुल्की बीमारी के कारण हो सकता है या फिर कोई ऐसी बीमारी जिसने मुख्य रूप से फेफड़ों को प्रभावित किया हो। पर ऐसा कोई जरूरी नहीं। बिना किसी बीमारी के भी सांस फूल सकती है। जैसे सीढ़ी चढ़ते उतरते में सांस फूलना, काम करते हुए सांस चढ़ना या फिर मोटे लोगों की भी सांस जल्दी फूलती है।
इस लेख में हमारे पलमोनरी फिजियोथेरेपिस्ट बता रहे हैं कि सांस लेने में तकलीफ हो तो क्या करें?
सांस लेने में तकलीफ यानी सांस फूलना [Shortness of Breath or Breathlessness]
सांस तब फूलती या चढ़ती है जब आपके फेफड़ों को खाली करने में समय अधिक लगता है। रोग से वायुमार्ग संकरा और फेफड़े कम लोचदार हो जाते हैं जिससे वायु प्रवाह धीमा पड़ जाता है। आप ऐसा अनुभव करते हैं जैसे सांस आने में दिक्कत हो रही है। घर पर जिन कामों को आप पहले आराम से कर लेते थे, जैसे कि नहाना-धोना, कपड़े पहनना या सीढ़ी चढ़ना-उतरना – ये सब कर पाना अब कठिन हो गया है। सांस फूलने की समस्या के बारे में अधिक जानकारी के लिये यहां क्लिक करें
इसी वजह से फेफड़ों की रिकवरी के लिए ब्रीदिंग एक्सरसाइज़ बहुत महत्वपूर्ण हो जाते हैं। सुनियोजित रेस्पिरेटरी रिहैबिलिटेशन प्रोग्राम का महत्व इससे अधिक और कहॉं होगा। यह ट्रीटमेंट न केवल सॉंस फूलना जैसे लक्षणों से तुरंत राहत दिलाता है बल्कि समग्र फेफड़ो की एक सुनियोजित और सुरक्षित ढंग से रिकवरी सुनिश्चित करता है।
अब आगे हम सांस लेने में तकलीफ के उपरोक्त लक्षणों के लिए स्व-प्रबंधन तकनीकों को कवर करेंगे।
सांस लेने में तकलीफ का स्व-प्रबंधन [Self Management of Shortness of Breath]
शांत रहें
जब सांस लेना मुश्किल हो रहा हो, तो चिंतित होना सामान्य है और इससे आपको सांस की तकलीफ अधिक महसूस होती है। यही कारण है कि अपने-आप को शांत रखना महत्वपूर्ण हो जाता है।
सुनिश्चित करें कि आपके कमरे में ताजी हवा आती है – खिड़की या दरवाजा खुला रखें।
सांस की तकलीफ के लिए पोजीशन्स [Positions when you have difficulty breathing]
ये पोजीशन्स आपकी सांस की तकलीफ़ को कम करने में मदद करेगी और आराम से इनको इस्तेमाल किया जा सकता है।
रिलैक्सड सिटिंग
फॉरवर्ड लीन स्टैंडिंग
बैकवर्ड लीन स्टैंडिंग
आगे झुक कर बैठना
फॉरवर्ड लीन सिटिंग (सहारे से)
हाई साइड लेटना
सांस की तकलीफ के लिए एक्सरसाइज़ उपचार [Breathing Exercises for Shortness of Breath Treatment]
जैसे जैसे आप फेफड़ों के संक्रमण से उबर रहे हैं, आपको सांस लेने में काम आने वाली मांसपेशियों को मजबूत बनाना होगा। इन मांसपेशियों में डायफ्राम के साथ-साथ छाती की दीवार की मांसपेशियां भी शामिल हैं। निम्नलिखित व्यायाम को स्वयं करें।
एक जगह आराम से बैठें या खड़े हों। अपने चारों ओर एक बड़ी सी डिब्बानुमा चीज़ की तलाश करें जो आप आसानी से पूरी देख सकें। यह टीवी, फ्रिज, खिड़की या दरवाजा हो सकता है।
टीवी के चारो किनारों के साथ अपनी नज़र घुमाएं। छोटे किनारे के साथ देखते हुए सांस अंदर लें (Breathe in) और लंबे किनारे के साथ देखते हुए सांस छोड़ें (Breathe out)
इससे आपको लंबी सांस छोड़ने में मदद मिलेगी और धीरे-धीरे सांस स्थिर भी हो जाएगी।
यदि आपको अभी भी सांस की तकलीफ है, तो आपको एक सुनियोजित रेस्पिरेटरी रिहैबिलिटेशन प्रोग्राम लेना चाहिए।
रेस्पिरेटरी (या पल्मनरी) रिहैबिलिटेशन एक्सरसाइज़ का कार्यक्रम है जो सांस की तकलीफ में सुधार, काम कर पाने की कैपेसिटी बढ़ाने और आपकी रिकवरी सही समय से पूरी करने में आपकी मदद करता है।
सांस लेने में तकलीफ के लिए ब्रीदिंग तकनीक [ Breathing Techniques for Shortness of Breath]
धीमी और नियंत्रित साँस लेने की तकनीक के साथ-साथ विशेष प्राणायाम आपको शांत रहने में मदद करेंगे। सांस की तकलीफ से निपट पाने के लिए आपका आत्मविश्वास भी बढ़ेगा।
ब्रीदिंग कंट्रोल Breathing Control:
- नाक से धीमी सांस अंदर लें
- अपने कंधों और गर्दन को ढीला छोड़ दें
- अपने फेफड़ों में हवा भरती हई महसूस करें: फेफड़ों के नीचे से लेकर आपकी छाती के ऊपर तक।
- मुंह से लंबे समय तक सांस छोड़ें (जैसे कि मोमबत्ती को फूंकते हैं)।
सांस फूलना के साथ खांसी भी हो सकती है Shortness of Breath and cough indicates lung disease. सांस लेने में तकलीफ और खांसी के लिये क्या करें? बलगम वाली खांसी/ सूखी खांसी के घरेलू उपाय जानने के लिए यह पोस्ट पढें => सांस फूलना और खांसी आना (Shortness of Breath and Cough)
सांस की तकलीफ के लिए अपनी गतिविधियों को नियोजित करें Self Management when you have difficulty breathing
गतिविधि नियोजन का सार है ‘अपने शरीर की सुनना’ । अपने शरीर के वर्तमान ऊर्जा स्तर को समझें। तदनुसार अपनी दैनिक गतिविधियों नियोजित करें (LINK पर इसके बारे में और पढ़ें)
यदि लक्षण गंभीर हैं और 6-8 सप्ताह बाद भी बने रहते हैं, तो कृपया आगे की समीक्षा के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें
फेफड़ों की रिकवरी के लिए ब्रीदिंग एक्सरसाइज़ बहुत महत्वपूर्ण हो जाते हैं। सुनियोजित रेस्पिरेटरी रिहैबिलिटेशन प्रोग्राम का महत्व इससे अधिक और कहॉं होगा। यह ट्रीटमेंट न केवल सॉंस की तकलीफ से तुरंत राहत दिलाता है बल्कि समग्र फेफड़ो की एक सुनियोजित और सुरक्षित ढंग से रिकवरी सुनिश्चित करता है।
सॉंस की तकलीफ उबरने में लगने वाला समय हर व्यक्ति में भिन्न होता है। किसी के लिए यह कुछ दिन, किसी के लिए सप्ताह या किसी और के लिए कुछ महीने हो सकता है। आपके लक्षण जितने अधिक गंभीर होंगे, आपको पूरी तरह ठीक होने में उतना ही लंबा समय लगेगा।
RespiRehab जैसा सुनियोजित रीहैब प्रोग्राम ही यह सुनिश्चित करता है कि आप एक सुरक्षित तरह से और समय पर ढंग से ठीक हो जाएंगे।
सांस की तकलीफ के उपचार के लिए रेस्पीरीहैब [RespiRehab for Shortness of Breath Treatment]
रेस्पीरीहैब एक फ़ोकस्ड पल्मनरी / रेस्पिरेटरी रिहैबिलिटेशन प्रोग्राम है, जो भारत की फिजियोथेरेपी क्लीनिकों की सबसे बड़ी चेन, रीलिवा के कार्डियो-रेस्पिरेटरी फ़िज़ियोथेरेपिस्ट द्वारा निर्देशित है।
- श्वास संबंधी समस्याओं से पीड़ित रोगियों के लिए
- सांस फूलना और थकान को कम करने के लिए
- फेफड़ों की कार्यक्षमता, ऑक्सीजन सैचुरेशन, स्टेमिना और कार्य शक्ति में सुधार के लिए
इतना ही नहीं, आप अपने घर में रहते हुए ही यह ट्रीटमेंट ऑनलाइन ले सकते हैं और इसमें आपके लक्षणों और तकलीफों के आधार पर व्यक्तिगत इलाज होता है। आप अपने घर पर ही रहेंगे और चिकित्सक वीडियो सेशन के साथ आपकी प्रगति पर धयान रखते हुए आपका मार्गदर्शन और उपचार करेंगे। आज ही हमें 9920991647 पर कॉल करें और हम अपने फिजियोथेरेपिस्ट के साथ आपका पल्मोनरी रिहैबिलिटेशन शुरू करा देंगे ।
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